स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के समर स्किल्स कार्निवाल का हुआ समापन

भोपाल। युवाओं में रचनात्मकता एवं कौशल विकास को बढ़ावा देने की पहल के तहत स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित किए जा रहे “समर स्किल्स कार्निवाल” शनिवार को भव्य समापन हुआ। इस दौरान 60 से अधिक छात्रों सफलतापूर्वक प्रशिक्षण पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में बतौर अतिथि स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. विजय सिंह बतौर अतिथ उपस्थित रहे। उनके साथ मंच पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सितेश कुमार सिन्हा और डीन ह्यूमेनिटीज विभाग एवं समर स्किल्स कार्निवाल की संयोजिक डॉ. टीना तिवारी भी उपस्थित रही। कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों ने कथक एवं अन्य डांस परफॉर्म किए। इसके अलावा एग्जीबिशन का आयोजन किया गया जिसमें मधुबनी, मांडना से लेकर क्ले आर्ट आईटम्स को प्रदर्शित किया गया था।

कार्यक्रम में वाइस चांसलर डॉ. विजय सिंह ने अपने वक्तव्य में छात्रों को एक माह का प्रशिक्षण पूरा करने पर बधाई दी और कहा कि हमारा प्रयास स्किल बेस्ड कार्यक्रमों को संचालित करना और युवाओं को विभिन्न कौशल प्रदान कर उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना है। आगे उन्होंने कहा कि स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के इंफ्रास्ट्रक्चर को इस प्रकार तैयार किया जा रहा है जिससे छात्रों का संपूर्ण विकास हो सके।

गौरतलब है कि समर स्किल्स कार्निवाल का आयोजन 1 मई से आयोजित किया जा रहा था। इस कार्निवाल में विभिन्न स्किल्स में प्रशिक्षण प्रदान किया गया जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं द्वारा प्रतिभागिता करते हुए अपने रचनात्मक कौशल को विभिन्न विधाओं में तराशा।

समर स्किल्स कार्निवाल का संयोजन कर रही डॉ. टीना तिवारी ने बताया कि फाइन आर्ट्स में क्ले मॉडलिंग, पेंटिंग एवं प्रिंट मेकिंग, आर्ट एवं क्राफ्ट; डिजाइनिंग में डिजाइन योर स्पेस, कटिंग एवं स्टिचिंग; स्पोर्ट्स में फुटबॉल, क्रिकेट, कराते; ब्यूटी एवं वेलनेस के अंतर्गत प्रोफेशनल साड़ी ड्रेपिंग, मेहंदी, सेल्फ ग्रूमिंग; परफॉर्मिंग आर्ट्स में एक्टिंग स्किल्स, कथक, तबला, ढोलक, हारमोनियम, सिंथेसाइजर, सिंगिंग एवं डांस; और स्पॉटलाइट के अंतर्गत स्टेज एंकरिंग एवं क्रिएटिव राइटिंग का प्रशिक्षण रचनात्मक अंदाज में प्रदान किए गए।

इस दौरान ट्रेनर्स ने प्रतिभागियों को अलग-अलग गतिविधिया सिखाई। मंच संचालन की कार्यशाला के अंतर्गत प्रतिभागियों ने संचालन के गुण सीखे जिसमें मौखिक भाषा के साथ-साथ देह भाषा और प्रस्तुतीकरण पर भी ज़ोर दिया गया। मंच पर संचालन और मंच परे संचालन के अंतर को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों को बारीकियाँ सिखाई गई। फ़ाइन आर्ट्स की कार्यशाला के अंतर्गत प्रतिभागियों ने चित्रकला के साथ-साथ क्ले मॉडलिंग और क्राफ्ट वर्क सिखा। नृत्य कार्यशाला में प्रतिभागियों ने कथक नृत्य का आरंभिक ज्ञान हासिल किया जिसमें उन्होंने तत्कार, लयकारी और ताल सीखा। फ़ैशन डिज़ाइन की कार्यशाला में प्रतिभागियों ने आज के समय के हिसाब से फ़ैशन को समझा और परिधान तैयार करना सीखा। वहीं इंटीरियर डिज़ाइन के प्रतिभागियों ने आधुनिक समय के अनुसार अपने घर या कमरे को कैसे सुंदर रूप दें, यह सीखा। इन सभी गतिविधियों में प्रतिभागियों ने अभ्यास के माध्यम से नए गुण सीखे जिसे अंततः उन्होंने समापन सत्र में प्रस्तुत किया।

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